tag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post3583450336029557276..comments2023-10-01T07:46:51.599-07:00Comments on पथ के साथी : अरुण देव :अपर्णा मनोजhttp://www.blogger.com/profile/03965010372891024462noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-30373720092499829002014-09-06T06:53:27.141-07:002014-09-06T06:53:27.141-07:00
Veena Bundela बेहतरीन कवितायेँ है.. स्मृति में दे...<br />Veena Bundela बेहतरीन कवितायेँ है.. स्मृति में देर तक रहने वाली गूंज जैसी..<br />Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-91534398075000374832014-09-06T06:51:02.155-07:002014-09-06T06:51:02.155-07:00
Sarita Sharma सिसिफस बहुत सुन्दर कविता है अपर्णा....<br />Sarita Sharma सिसिफस बहुत सुन्दर कविता है अपर्णा.सिसिफस हम सबमें जिन्दा है जिसे कोल्हू का बैल या जहाज का पंछी कह सकते हैं. सेवानिवृति की कगार पर सोचती हूँ 25 साल की दिनचर्या में क्या खोया, क्या पाया. जिन्दगी का बोझ उठाते हुए हम कहीं पहुंचना चाहते हैं. अंततः गोल दायरे में खुद को घूमते हुए पाते हैं.<br />Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-57332344015022188672014-09-05T09:14:14.591-07:002014-09-05T09:14:14.591-07:00जीवन की सबसे कमज़ोर कड़ियों की सुध लेती हैं ये कविता...जीवन की सबसे कमज़ोर कड़ियों की सुध लेती हैं ये कविताएँ ..."स्वाद हो ऐसा इस हँसी का जो भूखे, दूखों को भी रुचे", जिन्हें पढने के बाद सारी मिट्टी झर जाये और आत्मा की सतह पर सैंकड़ों सूर्य जगमगाने लगें और धरती एक गेंद बनकर शामिल हो जाये खुशियों में. विनम्रता और करुणा से ओतप्रोत इन कविताओं कप पढ़कर मन भीग जाता है. बहुत बहुत धन्यवाद अपर्णा जी इन्हें पढने का अवसर देने के लिए. परमेश्वर फुंकवालhttps://www.blogger.com/profile/18058899414187559582noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-30204101357237926092014-09-05T07:48:55.053-07:002014-09-05T07:48:55.053-07:00बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
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आपकी इस प्रविष्टि् की च...बहुत सुन्दर प्रस्तुति।<br />--<br /> आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (06-09-2014) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"> "एक दिन शिक्षक होने का अहसास" (चर्चा मंच 1728) </a> पर भी होगी।<br />--<br />सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन को नमन करते हुए,<br />चर्चा मंच के सभी पाठकों को शिक्षक दिवस की<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-88242463740292952962014-09-05T07:10:50.721-07:002014-09-05T07:10:50.721-07:00बहुत सुंदर अभिव्यक्ति ।बहुत सुंदर अभिव्यक्ति ।सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.com