tag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post3609110263649653922..comments2023-10-01T07:46:51.599-07:00Comments on पथ के साथी : :: प्रेम चन्द गांधी :: अपर्णा मनोजhttp://www.blogger.com/profile/03965010372891024462noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-29775670721411600872013-07-03T16:22:45.261-07:002013-07-03T16:22:45.261-07:00यह शब्द तमहारिणी शायद अपनी ध्वनी के कारण खटकता सा ...यह शब्द तमहारिणी शायद अपनी ध्वनी के कारण खटकता सा लग रहा है ...जो कमियां मुझमें और मेरी कविताओं में हैं आप भी उनसे अछूते नहीं हैं सो उन पर बात नहीं करूंगा ..जो भी है कुल मिलकर बहुत अच्छी और सुंदर प्रेम कविताएँ हैं ..कसने की गुंजाइश तो हमेशा रहती है ...सबसे बड़ी बात सियासत और अन्य चीज़ों की तुलना में प्रेम पर लिखना हमेशा बेहतर है ! केवल इस पंक्ति पर बात प्रौढ़-परिपक्व कपोलों पर...प्रेम में हो तो प्रौढ़-परिपक्वता पर दृष्टि कैसी ...प्रेम में होना तो सावन के हरे में होना है साहब ! वहां तो सारी सृष्टि हरी भरी नजर आने लगती है ...shyamjunejanoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-75179834232109765682013-07-03T08:52:21.309-07:002013-07-03T08:52:21.309-07:00ह्रदयस्पर्षी...सुंदरह्रदयस्पर्षी...सुंदरसंगीता कुमारी...बेनामीnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-9779926591376492152013-07-03T08:50:39.074-07:002013-07-03T08:50:39.074-07:00ह्रदयस्पर्षी...सुंदरह्रदयस्पर्षी...सुंदरAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-67726602802731123312013-07-02T23:12:17.292-07:002013-07-02T23:12:17.292-07:001.तुम हँसती हो
जैसे चमकती हैं अलाव में
आग की तहर...1.तुम हँसती हो <br />जैसे चमकती हैं अलाव में <br />आग की तहरीरें <br /><br />ह्रदय में धधकती <br />अग्निरेखा हो तुम<br /><br />2.जा तेरे सपनों में ओले गिरें... <br />मैं अकेला ही क्यूं तापूं <br />यादों का अलाव...<br /><br />Bahut achhe ehsaas aur utni hi sundar abhivyakti, sundar bimbon aur upmaanon ke saath.kam shabdon mein bahut badi baaten kahne ka kaushal hai kavi ke paas. kavi ko bahut bahut badhai.mannkikavitaayeinhttps://www.blogger.com/profile/06554922952970772744noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-68318306830430530712013-07-02T20:20:29.816-07:002013-07-02T20:20:29.816-07:00प्रेम कविताओं में प्रेम भाई से ज्यादा तमहारिणी के ...प्रेम कविताओं में प्रेम भाई से ज्यादा तमहारिणी के योगदान को याद किया जाएगा ..वैसे इन प्रेम कविताओं में बिम्बों की नवीनता और कहन की सौम्यता और एक तरह की मुलामियत इन्हें मुक्कमल बनाती है , अपने समय के सवालों ,विषमताओं और संघर्षों से जूझते हुए प्रेम के लिए जगह बचाए रखना अपने आप में एक चुनौती है जिस पर खरा उतरने के लिए प्रेम भाई निश्चित रूप से बधाई के हकदार हैं.. पुनश्च अपर्णा दी का आभार प्रेम भाई को बधाई संग्रह की प्रतीक्षा रहेगी ..Vandana Sharmahttps://www.blogger.com/profile/16280957639212248298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-56231513765597907652013-07-01T23:34:23.734-07:002013-07-01T23:34:23.734-07:00'हे मेरी तमहारिणी ' - "मैं पानी हूं
...'हे मेरी तमहारिणी ' - "मैं पानी हूं <br />तुम नदी<br />दोनों <br />गिरते <br />चलते <br />मिलते हैं <br />जीवन-प्रपात में.." इससे बेहतर प्रेम की अभिव्यक्ति हो सकती है भला ..? <br /><br />कितना गहरा होता है स्मृतियों का रंग <br />सब कुछ जैसे नीले अंबर का अंश हो गया <br />इसी नील गगन के नीचे आओ <br />फिर से कहीं मिलें <br />तुम्हारी ही राह देख रही हैं अंखियां... यादों में विरह की वेदना में और क्या कहते कवि ..? शानदर प्रस्तुति . बधाई एवं ब्लॉग का आभार इन्हें एक साथ प्रस्तुत करने के लिए . <br />Nityanand Gayenhttps://www.blogger.com/profile/14656349243336915008noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-82761228116886316352013-07-01T10:00:50.646-07:002013-07-01T10:00:50.646-07:00जाड़ों की सुबह के
सूरज की तरह
उम्र की सीढि़यां च...जाड़ों की सुबह के <br />सूरज की तरह <br />उम्र की सीढि़यां चढ़ती हुईं तुम <br />कितनी प्यारी लगती हो <br />हे मेरी तमहारिणी.....<br /><br />किसी एक को उद्धृत करना बहुत ही मुश्किल । तमहारिणी मोहती है हर रंग में, हर रूप में, हर भाव में। शृंगार की मनभावन अभिव्यक्ति के लिए बधाई प्रेमचंद जी !sushilahttps://www.blogger.com/profile/05803418860654276532noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-52740364424785422792013-07-01T08:39:58.070-07:002013-07-01T08:39:58.070-07:00बहुत ही खूबसूरत कवितायें हैं आपकी, प्रेम जी। बधाई....बहुत ही खूबसूरत कवितायें हैं आपकी, प्रेम जी। बधाई........डॉ मंजु शर्मा महापात्र, राउरकेलाAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-13931445798480438222013-07-01T08:24:05.594-07:002013-07-01T08:24:05.594-07:00बहुत ही सुंदर कवितायें हैं , प्रेम जी। बधाई। बहुत ही सुंदर कवितायें हैं , प्रेम जी। बधाई। Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-88394723164622054312013-07-01T07:33:34.276-07:002013-07-01T07:33:34.276-07:00prem sir ki tamharani ke kai rang dekhen hai tukad...prem sir ki tamharani ke kai rang dekhen hai tukadon me fb par...aaj sare ehsas ek saath dekhkar ji bhar kar dekha aur mahsus kiya....tamharani.....mujhe bahuut apni sahj pyari mohak aur sachchi abhiyakti lgati hai..prem sir ko badhiii.....shailjahttps://www.blogger.com/profile/13967930321980449500noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-84220674390640879452013-06-30T19:05:52.039-07:002013-06-30T19:05:52.039-07:00प्रेम का कोई विकल्प नहीं है... तम हर ही लेता है......प्रेम का कोई विकल्प नहीं है... तम हर ही लेता है... वह प्रेयसी जो तमहारिणी हो ,उसके लिए क्या कहा जाये...asmurarihttps://www.blogger.com/profile/16869905021434835844noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-32366624707371551622013-06-30T04:55:42.014-07:002013-06-30T04:55:42.014-07:00पूरी सीरिज अच्छी है ..। बधाई मित्र ...पूरी सीरिज अच्छी है ..। बधाई मित्र ...रामजी तिवारी https://www.blogger.com/profile/03037493398258910737noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-51048956454340899032013-06-30T01:20:38.224-07:002013-06-30T01:20:38.224-07:00ja tere sapno me ole gire.. bahut sundar abhivykti...ja tere sapno me ole gire.. bahut sundar abhivykti lagi..लीना मल्होत्राhttps://www.blogger.com/profile/07272007913721801817noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-56179846398678307202013-06-30T00:02:37.596-07:002013-06-30T00:02:37.596-07:00क्या कहूँ लगता है कि केदारनाथ अग्रवाल जी ने फिर से...क्या कहूँ लगता है कि केदारनाथ अग्रवाल जी ने फिर से जन्म लिया है और इस बार उनका नाम प्रेमचन्द गाँधी है। ‘हे मेरी तुम’ सीरीज़ एक नई बोल्डनेस के साथ ‘हे मेरी तमहारिणी’ हो गई है। ‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-85042673046698670362013-06-29T23:30:52.252-07:002013-06-29T23:30:52.252-07:00मेरे आने की जल्दबाजी में
तुमसे गफ़लत में पानी में...मेरे आने की जल्दबाजी में<br />तुमसे गफ़लत में पानी में मिल गई<br />हल्दी अभी भी गीली है<br />उसे गीला ही रहने दो<br />किसी दिन अपने हाथों से<br />इसका उबटन लगाउंगा<br />तुम्हारे प्रौढ़-परिपक्व कपोलों पर...…………यही तो प्रेम का चिरजीवी स्वरूप है जो नित नवीन रूप धारण कर नवयौवना सा खिलखिलाता रहता है जितनी प्रेम की सीढी चढो उतना ही उसके यौवन पर निखार आता जाता है ………प्रेम कभी प्रौढ नही होता vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-45361811555688678052013-06-29T23:23:39.792-07:002013-06-29T23:23:39.792-07:00बहुत सुंदर अभिव्यक्ति ....शुभकामनायें ....
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति ....शुभकामनायें ....<br />ashokkhachar56@gmail.comhttps://www.blogger.com/profile/07939212398427669565noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-44730989789826858232013-06-29T19:46:45.434-07:002013-06-29T19:46:45.434-07:00इनमें से कुछ कविताओं को पहले पढ़ चुकी हूँ, तमहारिणी...इनमें से कुछ कविताओं को पहले पढ़ चुकी हूँ, तमहारिणी से मिलकर एक ताजगी का अहसास होता है, <br />जैसे आँखें बंद किये हरसिंगार के नीचे खड़े होना, <br />जैसे मोगरे की खुशबू को करीब से महसूसना, <br />जैसे जेठ की दोपहरी में आम की बगिया से गुज़रना, <br />जैसे तन्हाई में किसी शाम छत पर खड़े हो मोर की आवाज़ सुनना ..... <br />एक बार फिर से ऐसे ही मिले जुले अहसास से सराबोर हो गयी ये सुबह….शुक्रिया तमहारिणी .....अंजू शर्माhttps://www.blogger.com/profile/13237713802967242414noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-55700794561080568572013-06-29T19:35:38.423-07:002013-06-29T19:35:38.423-07:00दाम्पत्य सुख की प्रेमपगी कवितायेँ.प्रेमिकाओं पर बह...दाम्पत्य सुख की प्रेमपगी कवितायेँ.प्रेमिकाओं पर बहुत कुछ लिखा जाता है,जबकि घर और समाज का भार पत्नियों पर अधिक होता है.मुझे जोन डन की पत्नी पर लिखी कवितायेँ बहुत पसंद हैं. आज ये कवितायेँ पढकर लगा परिवार की इकाई की धुरी महिला को हमेशा श्रेय दिया जाना चाहिए.मनुष्य और लेखक के निर्माण में वे नींव का काम करती हैं.sarita sharmahttps://www.blogger.com/profile/03668592277450161035noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-50743608699178682682013-06-29T18:14:18.410-07:002013-06-29T18:14:18.410-07:00तमहारिणी| अच्छा नाम दिया| जिंदगी से जो तम को हर ले...तमहारिणी| अच्छा नाम दिया| जिंदगी से जो तम को हर ले और और यही तो दिख रहा है वो गहन अनुभूति जीवन में पल प्रतिपल घटती घटनाओं में तम हरती रौशनी पुंज बिखेरती, जीवन मैं खुशियाँ और हरियाली से भरती तमहारिणी ... छोटी छोटी कविताओं की यह श्रृंखला काफी रुचिकर है ... यह भी खूब कहा Prem Chand जी ने <br />बजा फ़रमा गये हैं फ़ैज़ <br />दर्द आयेगा दबे पांव <br /><br />लेकिन <br />तेरी निग़ाहों के सायबान में <br />बैठा देख मुझे <br />दुबक जाएगा <br />कोने वाले खम्भे के पास <br />खिसियानी बिल्ली की तरह <br />जानती हो ना तमहारिणी ...<br />...<br />प्रेम चन्द्र गाँधी जी को इस श्रृंखला के एक वर्ष पुरे होने पर इस तीसरे संस्करण के प्रकाशन पर बधाई ... और आदरणीय Aparna दीदी को ह्रदय से आभार|डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीतिhttps://www.blogger.com/profile/08478064367045773177noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-70600042859738500822013-06-29T11:20:07.504-07:002013-06-29T11:20:07.504-07:00तेरा नाम लेके पी रहा हूं मैं नौ लौंग का पानी। वाह,...तेरा नाम लेके पी रहा हूं मैं नौ लौंग का पानी। वाह, लौंग की शराब ! अनिल जनविजयhttps://www.blogger.com/profile/02273530034339823747noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-16011419886089568352013-06-29T10:57:10.987-07:002013-06-29T10:57:10.987-07:00khoobsoorat kavitayen hain .. badhaayi ..
khoobsoorat kavitayen hain .. badhaayi ..<br />प्रज्ञा पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/03650185899194059577noreply@blogger.com