tag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post6128558588848159730..comments2023-10-01T07:46:51.599-07:00Comments on पथ के साथी : नंद भारद्वाज ::अपर्णा मनोजhttp://www.blogger.com/profile/03965010372891024462noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-61507285568734643492013-08-01T08:24:01.847-07:002013-08-01T08:24:01.847-07:00aadarniy Aparna di ... ye kavitaaye maine idhar ud...aadarniy Aparna di ... ye kavitaaye maine idhar udhar padhi thee alag alag ... aaj inhen aik saath padha .. jiwan aur aapsee sanvadon aur bhavnaaon se jhunjhti ye rachnaye apne me bahut kuch samete hue hain .. Sadar डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीतिhttps://www.blogger.com/profile/08478064367045773177noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-36200853822974951412013-08-01T04:29:36.293-07:002013-08-01T04:29:36.293-07:00दाम्पत्य के पल पल बनते बिगड़ते रिश्तों का सूक्ष्म ...दाम्पत्य के पल पल बनते बिगड़ते रिश्तों का सूक्ष्म चित्रण.कल्पना और यथार्थ के बीच झूलता मनुष्य सीमित उडान भरने और अपनी सीमायें स्वीकार करने के लिए अभिशप्त है. sarita sharmahttps://www.blogger.com/profile/03668592277450161035noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-14293678699516881732013-08-01T03:11:01.278-07:002013-08-01T03:11:01.278-07:00जीवन के मानवीय अनुभवों से सरोबार हृदयंगम भावनाओं...जीवन के मानवीय अनुभवों से सरोबार हृदयंगम भावनाओं केसाथ गुनगनाती शब्दों की फुहार..... नंद सर को जन्म दिन की ढेर सारी बधाई....निर्मल पानेरी Travel Trade Servicehttps://www.blogger.com/profile/11770735608575168790noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-57515080210388038852012-12-30T00:18:59.023-08:002012-12-30T00:18:59.023-08:00हरी दूब का सपना में ये कविताएँ पढ़ीं थीं। पुन: पढ़...हरी दूब का सपना में ये कविताएँ पढ़ीं थीं। पुन: पढ़ीं और पावन-प्रेम और श्रेष्ठ काव्य की रस-धारा में खो सी गई ! कहानी हो या कविता नंद सर भावना की गहराई में उतरते हैं और पाठक भी उस गहराई में सानंद विचरण करता है।<br />बेहतरीन पत्रिका/चिट्ठे के लिए बधाई अपर्णा जी और इन कविताओं को पुन: पढ़वाने के लिए शुक्रिया।sushilahttps://www.blogger.com/profile/05803418860654276532noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-88373279804720847022011-02-28T09:23:35.579-08:002011-02-28T09:23:35.579-08:00प्रेम पर जितना लिखा जाये कम ही है ,
और जब भी लिखा ...प्रेम पर जितना लिखा जाये कम ही है ,<br />और जब भी लिखा जाये नया ही लगता है !<br />बहुत सुन्दर रचनाये है नन्द जी की ,<br />मौलिक और अनूठी !<br />सुन्दर ब्लाग के लिए बधाई !अरुण अवधhttps://www.blogger.com/profile/15693359284485982502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-51545640279508580102011-02-27T23:18:18.673-08:002011-02-27T23:18:18.673-08:00नंद जी की कविताएं -सुदंर बात सुदंर ढंग से..कभी उदा...नंद जी की कविताएं -सुदंर बात सुदंर ढंग से..कभी उदास करती तो संवाद करती...<br /><br />और अपर्णा को इतनी सुंदर और भावपूर्ण पत्रिका निकालने के लिए बधाईसुमन केशरीnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-57537719498228642782011-02-27T22:42:19.118-08:002011-02-27T22:42:19.118-08:00तुम्हारे साथ
बीते समय की स्मृतियों को जीते
कुछ इ...तुम्हारे साथ <br />बीते समय की स्मृतियों को जीते <br />कुछ इस तरह बिलमा रहता हूं<br />अपने आप में,<br />जिस तरह दरख्त अपने पूरे आकार <br />और अदीठ जड़ों के सहारे <br />बना रहता है धरती की कोख में <br />kitni sundar panktiyan hain. Badhai Nand ji. - Manisha kulshreshthamanishahttps://www.blogger.com/profile/10156847111815663270noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-15406831358187434052011-02-27T21:37:58.142-08:002011-02-27T21:37:58.142-08:00अपर्णा जी!
हार्दिक शुभकामनाएँ, एक ऐसे ब्लॉग के लिए...अपर्णा जी!<br />हार्दिक शुभकामनाएँ, एक ऐसे ब्लॉग के लिए जो प्रेम को समर्पित है.<br />बहुत ही सुन्दर व भावपूर्ण रचनाएँ हैं,आदरणीय नन्द जी को पढना सुखकर लगा. उन्हें हार्दिक आभार!<br /><br />आपसे एक विनय है,यदि हो सके तो एक-एक कर रचनाएँ प्रस्तुत करें. ताकि उसका पूर्ण रसास्वादन किया जा सके...<br />-सादर, सविनय.ज्योत्स्ना पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/14491409510866077940noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-10830860705276386892011-02-27T21:37:12.808-08:002011-02-27T21:37:12.808-08:00इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.ज्योत्स्ना पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/14491409510866077940noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-60052420132469445572011-02-26T19:32:26.924-08:002011-02-26T19:32:26.924-08:00अपर्णा सबसे पहले आपको इतना खूबसूरत ब्लॉग बनाने के...अपर्णा सबसे पहले आपको इतना खूबसूरत ब्लॉग बनाने के लिए बधाई देना चाहूंगी ...बड़े सुगन्धित फूलो से महक रहा हे यह ब्लॉग ,अभी तो शुरुआत हे इस गुलशन की शोभा तो बढती ही जायेगी ....<br />आदरनीय नन्द जी की रचनाओ में स्मृतियों प्रेम की सुखात्मक अनुभूति प्रदान कर रही हे ...<br />कितना सच कहा ही उन्होंने .."थका देने वाली जीवन–यात्रा में<br />फिर से नया उल्लास<br />एक सघन आवेग की तरह<br />आती है वह मेरे उलझे हुए संसार में<br />और सुगंध की तरह<br />समा जाती है समय की संधियों में मौन<br />मुझे राग और रिश्तों के<br />नये आशय समझाती हुई।"<br />एक अलग ही तरह की उर्जा समवित हो जाती हे जीवन में ..विशाल करुनासिक्त पृथ्वी पर जो गीत के फूल खिलते हे वो जीवन को हमेशा सुरभित करते हे ... बहुत बहुत बधाई होरचना प्रवेशhttps://www.blogger.com/profile/04303836897391156919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-44676598408365909082011-02-25T09:04:34.757-08:002011-02-25T09:04:34.757-08:00अपर्णा बहन दिल से मुबारकबाद और ढेरों दुआएं.
आदत से...अपर्णा बहन दिल से मुबारकबाद और ढेरों दुआएं.<br />आदत से मजबूर हूँ कि बिना पड़े (सच वाला पड़ना) कमेन्ट ना कभी कर पाया ना ही करने का कोई इरादा है...<br />अभी पढ़ी एक रचना , और उसमे ही रच के रह गया इतना कि अगली पढ़ी तो शायद "हर बार" के साथ अन्यायपूर्ण होगा...<br />श्री नंद भारद्वाज को मेरा साधुवाद कि उन्होंने उस रिश्ते को जो रिस रहा है तिल तिल के इतनी बखूबी बयाँ कर दिया, मेरी शुभ कामनाएं उन तक अवश्य पहुँचा देना बहन ... <br /><br />क्रमशः...Bharathttps://www.blogger.com/profile/09488756087582034683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-80027984718179697442011-02-25T04:40:11.323-08:002011-02-25T04:40:11.323-08:00Hamesha ki tarsh...bejod, sunder aur..mook abhivya...Hamesha ki tarsh...bejod, sunder aur..mook abhivyakti ki awaaz!!...Shebarakeshhttps://www.blogger.com/profile/00451511763450252183noreply@blogger.com