tag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post8932890926425938386..comments2023-10-01T07:46:51.599-07:00Comments on पथ के साथी : वीणा सिंह ::अपर्णा मनोजhttp://www.blogger.com/profile/03965010372891024462noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-40450085232554653362011-12-29T10:28:46.447-08:002011-12-29T10:28:46.447-08:00कॉलेज के जमाने से आपकी कविताओं का फैन रहा हूं. वर्...कॉलेज के जमाने से आपकी कविताओं का फैन रहा हूं. वर्षों बाद फिर आपकी कविताएं पढ़कर बहुत बहुत बहुत अच्छा लगा. बधाई . अब लिखती रहें - निरंतर ----. <br />शुभकामनाएं<br />महादेव टोप्पो<br />गुवाहाटीमहादेव टोप्पोnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-61432897010798001502011-04-27T05:49:07.814-07:002011-04-27T05:49:07.814-07:00"कबूतरों की गर्दन इन्द्रधनुषी बन जाती है
और प..."कबूतरों की गर्दन इन्द्रधनुषी बन जाती है<br />और पीपल के झूमते पत्ते बन जाते हैं<br />मानिक के झुमके"<br />सुंदर बिंब है , अच्छा लगा पढ़ कर ,वीणा जी को बहुत बहुत शुभकामनायेरचना प्रवेशhttps://www.blogger.com/profile/04303836897391156919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-43623343818421535902011-04-25T07:23:55.035-07:002011-04-25T07:23:55.035-07:00अलग रंग है वीणा जी का... बधाई स्वीकारें...अलग रंग है वीणा जी का... बधाई स्वीकारें...manoj chhabrahttps://www.blogger.com/profile/10273888640315907337noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-18807719194293575362011-04-25T00:00:51.836-07:002011-04-25T00:00:51.836-07:00सभी रचनायें शानदार्।सभी रचनायें शानदार्।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-35881284230027202402011-04-24T23:18:19.307-07:002011-04-24T23:18:19.307-07:00कविताएं बहुत अच्छी और बहुस्तरीय हैं ,बधाईकविताएं बहुत अच्छी और बहुस्तरीय हैं ,बधाईAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-62282731398612212732011-04-24T09:55:27.633-07:002011-04-24T09:55:27.633-07:00सुन्दर रचनाएँ ,स्वागत है !सुन्दर रचनाएँ ,स्वागत है !अरुण अवधhttps://www.blogger.com/profile/15693359284485982502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-38425588588936504342011-04-24T09:34:01.301-07:002011-04-24T09:34:01.301-07:00वीणा जी का स्वागत है। अरुण मितभाषी हैं। यदि वे स्व...वीणा जी का स्वागत है। अरुण मितभाषी हैं। यदि वे स्वागत कर रहे हैं तो तय है कि इन कविताओं में संभावना के स्वर छिपे हैं।"किंगफिशर" मुझे सबसे सधी हुयी कविता लगी। कवियित्री की सामर्थ्य इस एक ही कविता से प्रमाणित हो जाती है। लगता है कि वे एक अरसे से कविता लिख रही हैं। उनका बिंब-विधान और पर्यवेक्षी दृष्टि मूल्यवान सृजन की ओर संकेत करते हैं। <br />"कबूतरों की गर्दन इन्द्रधनुषी बन जाती है <br />और पीपल के झूमते पत्ते बन जाते हैं <br />मानिक के झुमके"<br /><br />"अयोध्या" और "कश्मीर" जैसी कविताएं गंभीर सरोकारों को भी बड़ी संजीदगी के साथ व्यक्त करने में सफल रही हैं। ये कविताएँ उम्मीदों का एक आसमान बनाती हैं जिसका रंग कवियित्री की पसंद का रंग फिरोजी है। उम्दा...<br />"सर्द मौसम में बरबादियों के किस्से को <br />लरजते होंठों से नगमों में पिघल जाने दे"<br /><br />बधाई वीणा जी। अपर्णा जी के प्रयासों का अभिनंदन। कविता की पूरी कायनात सिरजती जा रही हैं। काश!आपका साथ,साथ फूलों का के लायक मैं भी कोई कविता लिख पाता.......सुशील कृष्ण गोरेhttps://www.blogger.com/profile/04554365008275575977noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-81496695578941186162011-04-24T08:08:00.856-07:002011-04-24T08:08:00.856-07:00वीणा जी का स्वागत किया जाना चाहिए .. उनकी कविताएँ ...वीणा जी का स्वागत किया जाना चाहिए .. उनकी कविताएँ बहुरंगी हैं...arun dev https://www.blogger.com/profile/14830567114242570848noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-1305243798556212202011-04-24T08:00:02.890-07:002011-04-24T08:00:02.890-07:00बहुत अच्छा लगा पढ़ कर.
सादरबहुत अच्छा लगा पढ़ कर.<br /><br />सादरYashwant R. B. Mathurhttps://www.blogger.com/profile/06997216769306922306noreply@blogger.com