tag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post6051180203337042478..comments2023-10-01T07:46:51.599-07:00Comments on पथ के साथी : अर्पिता श्रीवास्तव ::अपर्णा मनोजhttp://www.blogger.com/profile/03965010372891024462noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-7735404746596055822011-04-01T22:19:16.849-07:002011-04-01T22:19:16.849-07:00अच्छी कविताएं...अर्पिता लागातार अच्छा लिख रही हैं....अच्छी कविताएं...अर्पिता लागातार अच्छा लिख रही हैं...मेरी ढेर सारी बधाइयां....Vimlesh Tripathihttp://bimleshtripathi.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-1063528901174740702011-03-30T07:38:28.729-07:002011-03-30T07:38:28.729-07:00प्रेम को परिभाषित करती सुंदर रचनाये ...यादो ने मोह...प्रेम को परिभाषित करती सुंदर रचनाये ...यादो ने मोहित किया ,सुंदर प्रस्तुतिकरण ...रचना प्रवेशhttps://www.blogger.com/profile/04303836897391156919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-50891983860249568202011-03-22T12:04:58.221-07:002011-03-22T12:04:58.221-07:00प्रेम की कविताएं .......हर पंक्ति प्रेम की नयी परि...प्रेम की कविताएं .......हर पंक्ति प्रेम की नयी परिभाषा गढ़ती हुई.... एक नयी सी अनुभूति के साथ.<br /><br />प्यार से......<br />उबारता...............प्यार.<br />जीवन का...<br />रोम-रोम में.........<br />तुम्हारे साथ!!!<br />....तुम्हारी याद!!!<br />.. तुम्हारा चुंबन!!!!<br />आकाश होता जीवन<br /><br />अतिसुन्दर प्रस्तुति..Dadduhttps://www.blogger.com/profile/07163121901181099441noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-70123311137156392052011-03-22T08:18:13.346-07:002011-03-22T08:18:13.346-07:00sunder prastuti.sunder prastuti.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-83743529995025670512011-03-21T22:20:19.478-07:002011-03-21T22:20:19.478-07:00ओह, प्यार की एक संपूर्ण यात्रा में कविता में कहीं ...ओह, प्यार की एक संपूर्ण यात्रा में कविता में कहीं भावों की असीम गहराई मिली, कहीं शब्दों के चयन चमत्कृत गए, कहीं प्रचंड आवेग में खिलते पुष्पों की झलक मिली और... और... अंत में लगा कि मेरे दिल की बातें कैसे यह कविता कोई बोल गई ?धीरेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/12020246777509347843noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-35900849060863544542011-03-21T18:56:46.714-07:002011-03-21T18:56:46.714-07:00सुंदर परिभाषायेंसुंदर परिभाषायेंअजय कुमारhttps://www.blogger.com/profile/15547441026727356931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-41397805119092924282011-03-21T04:05:20.501-07:002011-03-21T04:05:20.501-07:00प्रेम की अनगिन छटा बिखेरती खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभा...प्रेम की अनगिन छटा बिखेरती खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.<br />सादर, <br />डोरोथी.Dorothyhttps://www.blogger.com/profile/03405807532345500228noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-71247680329144211052011-03-20T23:51:56.978-07:002011-03-20T23:51:56.978-07:00बहुत खूब ... छोटे छोटे शब्दों को कुछ ही पंक्तियाँ ...बहुत खूब ... छोटे छोटे शब्दों को कुछ ही पंक्तियाँ में इतना लंबा कर दिया .... और वैसे भी हर भाव इतना गहरा है की समा पाना आसान नही .....<br /> आपको और आपके पूरे परिवार को होली की मंगल कामनाएँ ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-45968476541645558232011-03-20T21:07:40.123-07:002011-03-20T21:07:40.123-07:00प्रेम -सन्दर्भों को सुन्दरता से व्याख्यायित करती ह...प्रेम -सन्दर्भों को सुन्दरता से व्याख्यायित करती हैं कवितायेँ !अरुण अवधhttps://www.blogger.com/profile/15693359284485982502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-77682344279503732192011-03-20T19:21:22.669-07:002011-03-20T19:21:22.669-07:00nicenicetushardevendrachaudhryhttps://www.blogger.com/profile/02718759164976251984noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-54821360874656121422011-03-20T03:05:07.310-07:002011-03-20T03:05:07.310-07:00आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति भी कल...आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी<br /> प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है<br />कल (21-3-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट<br /> देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर<br />अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।<br /><br />http://charchamanch.blogspot.com/vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-44730021550974909902011-03-19T20:57:56.493-07:002011-03-19T20:57:56.493-07:00काई की परतें उखाड़ती
मखमली घास बिछाती
दरारों को हौ...काई की परतें उखाड़ती<br />मखमली घास बिछाती<br />दरारों को हौले से सहलाते<br />कच्ची मिट्टी भर दुलराती.... <br />अधुरी कविता के पंखों में<br />उड़ान का साहस भरती<br />शब्दों के आंगन में<br />कुलांचे भर<br />क्षितिज को गले लगाती.......वाह ...क्या तो यादों का विवाचन ...बहुत खूब जी ...होली की शुभकामनायें..अर्पिता जी को भी !!!!Nirmal PaneriTravel Trade Servicehttps://www.blogger.com/profile/11770735608575168790noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-69144460479562726682011-03-19T20:26:30.332-07:002011-03-19T20:26:30.332-07:00बहकूं....
चहकूं.....
गरजूं......
बरसूं......
छा जा...बहकूं....<br />चहकूं.....<br />गरजूं......<br />बरसूं......<br />छा जाऊं चहुंओर<br />तुम्हारे साथ..<br />तुम्हारे साथ!!! <br /><br />बढ़ियामनोज पटेलhttps://www.blogger.com/profile/18240856473748797655noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-42961362133308840762011-03-19T19:39:28.340-07:002011-03-19T19:39:28.340-07:00कवितायें अच्छी लगीं लेकिन प्रेम कविताओं में जो सहज...कवितायें अच्छी लगीं लेकिन प्रेम कविताओं में जो सहजता और प्रवाह चाहिये कई बार तत्सम शब्दावली उसे बाधित करती है। भाषा पर ध्यान देना ज़रूरी है।Ashok Kumar pandeyhttps://www.blogger.com/profile/12221654927695297650noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4502969014555076376.post-33532574470418754562011-03-19T11:17:43.024-07:002011-03-19T11:17:43.024-07:00बहकूं....
चहकूं.....
गरजूं......
बरसूं......
छा जा...बहकूं....<br />चहकूं.....<br />गरजूं......<br />बरसूं......<br />छा जाऊं चहुंओर<br />तुम्हारे साथ..<br />तुम्हारे साथ!!! <br />!!!!!!!!!!!!<br />हार्दिक बधाई !!!!सुशीला पुरीhttps://www.blogger.com/profile/18122925656609079793noreply@blogger.com